S-1 समकालीन भारतीय समाज में शिक्षा (Contemporary India and Education)
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S-1;Unit-3 समकालीन भारतीय समाज में शिक्षा, शिक्षा विद्यालय तथा समुदाय में हुए समकालीन बदलाव |
Unit-3 शिक्षा के राजनीतिक एवं संवैधानिक संदर्भ
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उत्तर:- यूनिवर्स शब्द का अर्थ विश्व दुनिया संसार जगत है। इसी शब्द से यूनिवर्सलाइजेशन शब्द बना है और इसका हिंदी रूपांतरण सार्वभौमीकरण है। अगर साहित्यिक दृष्टि से बात करें तो सर्व का अर्थ सभी और भूमि का अर्थ क्षेत्र करण का अर्थ करना अर्थात सभी क्षेत्र में विकास करना। अगर बात करें शिक्षा के सार्वभौमीकरण का तो स्पष्ट है कि विश्व के सभी क्षेत्रों में शिक्षा का प्रचार प्रसार अर्थात शिक्षा की पहुंच को सुनिश्चित करना ही शिक्षा का सार्वभौमीकरण कहलाता है।
Q.1 शिक्षा के सार्वभौमीकरण की अवधारणा समझाएं। इसमें प्रमुख अवरोधों का वर्णन करें।
उत्तर:- यूनिवर्स शब्द का अर्थ विश्व दुनिया संसार जगत है। इसी शब्द से यूनिवर्सलाइजेशन शब्द बना है और इसका हिंदी रूपांतरण सार्वभौमीकरण है। अगर साहित्यिक दृष्टि से बात करें तो सर्व का अर्थ सभी और भूमि का अर्थ क्षेत्र करण का अर्थ करना अर्थात सभी क्षेत्र में विकास करना। अगर बात करें शिक्षा के सार्वभौमीकरण का तो स्पष्ट है कि विश्व के सभी क्षेत्रों में शिक्षा का प्रचार प्रसार अर्थात शिक्षा की पहुंच को सुनिश्चित करना ही शिक्षा का सार्वभौमीकरण कहलाता है।
पश्चिमी देशों में 19वीं शताब्दी के प्रारंभ से ही शिक्षा के ऊपर बल दिया गया और शिक्षा के सार्वभौमीकरण को बढ़ावा दिया गया। यही कारण है कि सभी देश विकसित हो पाए क्योंकि एक राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा की बहुत अहम भूमिका होती है। शिक्षा प्रचार प्रसार हेतु सार्वभौमीकरण का स्पष्ट उद्देश्य है कि सभी बालक बालिकाओं नागरिकों को जाती मूल वंश धर्म लिंग संबंधी असमानता को ध्यान में ना रखते हुए सबको समान शिक्षा का अवसर प्रदान करना। इस विषय में कोई संदेह नहीं है कि यह कार्य कठिन है साथ में चुनौतीपूर्ण की है। लेकिन दीर्घकालिक प्रयास से यह सफल हो सकता है। इसके क्रियान्वयन के लिए निम्नलिखित आवश्यकता है:-
उत्तर:- भारत की आजादी के बाद से ही भारत में कई शिक्षा के प्रधान बनाए गये। हालांकि संविधान लागू होते समय संविधान में कई शिक्षा संबंधी प्रावधान दिए गए। कई ऐसे प्रावधान हैं जो उस समय लागू कर दिए गए और कई प्रावधान राज्यों के ऊपर छोड़ दिया गया था, जब राज्यों की स्थिति सुदृढ़ हो जाए तब वे उस कानून को लागू करेंगे। शिक्षा से संबंधित प्रमुख अनुच्छेद इस प्रकार है साथ में उनमें कुछ संशोधन भी किए गए हैं इस प्रकार से है:-
- व्यक्तिगत विकास
- पारिवारिक विकास
- सामाजिक विकास
- राष्ट्रीय भावना का विकास
- लोकतांत्रिक विकास
- आर्थिक विकास
- सामाजिक भेदभाव को दूर करना इत्यादि
शिक्षा के सार्वभौमीकरण के प्रमुख अवरोध:-
- जनसंख्या की अनियंत्रित वृद्धि
- आर्थिक संसाधनों का अभाव
- राजनीतिक व्यवधान
- शिक्षा अधिनियम नियमों का सख्ती से लागू ना होना
- भौगोलिक स्थिति
- सामाजिक पिछड़ापन
- निरक्षरता
- क्षेत्रीय असंतुलन इत्यादि.
Q.2 शिक्षा के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख करें।
अथवाभारत में शिक्षा से संबंधित प्रमुख अनुच्छेद / संवैधानिक प्रावधानों की व्यवस्था का उल्लेख करें।
उत्तर:- भारत की आजादी के बाद से ही भारत में कई शिक्षा के प्रधान बनाए गये। हालांकि संविधान लागू होते समय संविधान में कई शिक्षा संबंधी प्रावधान दिए गए। कई ऐसे प्रावधान हैं जो उस समय लागू कर दिए गए और कई प्रावधान राज्यों के ऊपर छोड़ दिया गया था, जब राज्यों की स्थिति सुदृढ़ हो जाए तब वे उस कानून को लागू करेंगे। शिक्षा से संबंधित प्रमुख अनुच्छेद इस प्रकार है साथ में उनमें कुछ संशोधन भी किए गए हैं इस प्रकार से है:-
अनुच्छेद 21(A):- शिक्षा के क्षेत्र में यह सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद है। यह अनुच्छेद संविधान के 86 वें संशोधन 2002 में लागू किया गया। इस अनुच्छेद में सभी छात्रों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई। इस अधिनियम अधिनियम को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2002 भी कहा जाता है। इस अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष के बालों को को निशुल्क और अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान करने की बात की गई। इसके अलावा इस अधिनियम में बहुत सारे प्रावधान किए गए कुछ प्रावधान इस प्रकार है:-
अनुच्छेद 23:- अनुच्छेद 23 में बाल श्रम और जबरदस्ती कार्य लेना दंडनीय अपराध बनाया गया है अर्थात कोई भी छात्रों को जबरदस्ती काम पर नहीं लगाया जाएगा संविधान
- कोई भी विद्यालय किसी छात्र के नामांकन से इंकार नहीं करेगा
- प्रत्येक 30 छात्र पर एक शिक्षक अनुपात को कायम रखा जाएगा
- सभी विद्यालयों को 3 वर्ष वर्ष के अंतर्गत मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात की गई
- विद्यालय में खेल का मैदान पुस्तकालय पुस्तकालय पर्याप्त संख्या में अध्ययन कक्ष शौचालय इत्यादि व्यवस्था शामिल करने की बात की गई
- समाज के गरीब और हाशिए पर रहने वाले के लिए 25% सीटें आरक्षित करने की बात की गई इत्यादि
अनुच्छेद 23:- अनुच्छेद 23 में बाल श्रम और जबरदस्ती कार्य लेना दंडनीय अपराध बनाया गया है अर्थात कोई भी छात्रों को जबरदस्ती काम पर नहीं लगाया जाएगा संविधान
अनुच्छेद 24:-अनुच्छेद 24 के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बालक को खतरनाक कारखाने में काम नहीं कराया जाएगा
अनुच्छेद 39:- इस अनुच्छेद में महिलाओं और बालकों को कुछ आरक्षण की व्यवस्था की गई है जिसके तहत उसको मूलभूत सुविधाएं और शिक्षा का प्रावधान किया गया है
अनुच्छेद 39 में ही समान विकास के समान अवसर प्राप्त करने की बात की गई है
अनुच्छेद 39 में ही समान विकास के समान अवसर प्राप्त करने की बात की गई है
अनुच्छेद 45:- अनुच्छेद 45 में वर्णित किया गया था कि संविधान लागू होने के 10 वर्ष के अंतर्गत सभी राज्य अपने राज्यों में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था करेगा हालांकि यह अब एक मौलिक अधिकार बन गया है संविधान के संशोधन में इसे मौलिक अधिकार का दर्जा दे दिया गया।
उत्तर:- शिक्षा और विकास का गहरा संबंध है। जब तक शिक्षा नहीं आएगी विकास की कल्पना करना असंभव है। रही बात राष्ट्र या देश की तो जब तक शिक्षा का विकास नहीं होगा राष्ट्र की उन्नति संभव नहीं है। जितने भी विकसित राष्ट्र हैं कहीं न कहीं शिक्षा के क्षेत्र में व विकसित हैं।
अनुच्छेद 51:- राज्य के नीति निर्देशक तत्व अनुच्छेद 45 का ही रूप है जो 86वां संविधान संशोधन करके मूल कर्तव्य के रूप में जोड़ दिया गया। माता-पिता का यह कर्तव्य होगा कि वह अपने बालकों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत प्राथमिक शिक्षा दिलाना सुनिश्चित करेंगे।
संविधान में वर्णित इन सभी अनुच्छेद और अधिनियम के अलावा सरकार समय-समय पर बहुत प्रकार के अधिनियम लागू करते रहते हैं जो शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाता है। मध्यान्ह भोजन योजना, सर्व शिक्षा अभियान (2000-2001), जन साला कार्यक्रम, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना, छात्रवृत्ति वितरण योजना, ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड योजना इत्यादि योजना लागू करके शिक्षा को प्रगति पर लाया लाए जाने की भरपूर कोशिश करती जा रही है।
समकालीन भारतीय समाज में शिक्षा शिक्षा विद्यालय तथा समुदाय में हुए समकालीन बदलाव शिक्षा के संवैधानिक प्रावधान
Q.3 राष्ट्रीय विकास और शिक्षा में क्या संबंध है वर्णन करें।
अथवाराष्ट्र के विकास में शिक्षा की क्या भूमिका है?
उत्तर:- शिक्षा और विकास का गहरा संबंध है। जब तक शिक्षा नहीं आएगी विकास की कल्पना करना असंभव है। रही बात राष्ट्र या देश की तो जब तक शिक्षा का विकास नहीं होगा राष्ट्र की उन्नति संभव नहीं है। जितने भी विकसित राष्ट्र हैं कहीं न कहीं शिक्षा के क्षेत्र में व विकसित हैं।
19 वी सदी के प्रारंभ से ही शिक्षा के सार्वभौमीकरण पर बल दिया आज वे विकसित राष्ट्र बन गए हैं। अर्थात कहने का मतलब यह है कि जब शिक्षा की बात आती है तो विकास का अर्थ स्पष्ट हो जाता है। एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक कौशल प्रदान कराना शिक्षा का ही लक्ष्य है। सत्य कथन है कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र यह समाज की प्राण वायु है उसकी प्रेरणा है उसकी ऊर्जा है और किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके द्वारा हासिल किए गए शैक्षिक स्तर पर ही निर्भर करता है।
सीधे तौर पर देखा जाए तो शिक्षा से का सीधा मतलब ज्ञान और तथ्यों की समझ से है। एक व्यक्ति शिक्षित होता है तो, वह अपना भविष्य सवारता, है तरक्की करता है। और फिर परिवार को शिक्षित करता है, परिवार से समाज शिक्षित होता है, समाज से एक शहर शिक्षित होता है, शहर से एक राज्य शिक्षक होता है, एक राज्य शिक्षित होने से राष्ट्र शिक्षित होता है। और जब राष्ट्र शिक्षित होगा तो देश उन्नति निश्चित ही करेगी।
सामान्यता विकास का अभिप्राय आर्थिक तरक्की से है। मगर समय के साथ विकास के पैमाने बदलते रहे। आर्थिक विकास से सतत विकास में मदद मिलती है। शिक्षा मानव को अधिक परिपक्व खुशहाल और समझदार बनाता है। यह लोगों की उत्पादकता और रचनात्मकता को बढ़ाता है जिससे एक क्रियाशील मानव संसाधन का निर्माण होता है जो देश को सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर करता है।
मानव पूंजी आज के समय में सबसे बड़ी पूंजी है क्योंकि आज हम तकनीकी की बात करते हैं तो बिना मानव पूंजी के संभव नहीं है। जब तक मानव तैयार नहीं होंगे अर्थात मानव संसाधन विकसित नहीं होंगे अर्थात मानव तकनीक का विकास नहीं करेंगे तो तकनीक अपने से कुछ भी विकास नहीं कर सकता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि राष्ट्रीय विकास में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है अर्थात यूं कहें तो राष्ट्रीय विकास और शिक्षा में गहरा संबंध है
S-1 Unit-2 शिक्षा का आधुनिकीकरण वैश्वीकरण सामाजिक परिवर्तन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी सार्वजनिक शिक्षा बनाम निजी शिक्षा
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