New motivational story in Hindi, भरोसे की कहानी, नई सकारात्मक कहानी,नई स्टोरी इन हिंदी teacherkitaiyari.co.in
अच्छी कहानियां (Motivational Stories) का हमारे जीवन पर एक अद्भुत असर होता है|कई बार एक छोटी सी कहानी, हमारे विचारों में बड़ा बदलाव ला सकती है|कुछ इसी प्रकार की यह कहानी है।
नोट- संघर्ष में आदमी अकेला होता है सफलता में दुनिया साथ हो जाती है।
एक बहुत अच्छी कहानी है ध्यान से पढ़ना।
कनाडा की राजधानी ओटावा के पश्चिम भाग में 2 दोस्त रहते थे।
जिनका नाम जॉन और डेविड था। दोनों ने अपना जीवन को बेहतर तरीके से जीने के लिए बिजनेस करने को सोचा। दोनों ने काफी सोच विचार कर और अपने ऊपर भरोसा करके ₹50000 लगाकर कपड़े का व्यापार शुरू किया।
ऐसी हिंदी कहानी जो आपका दिमाग घुमा दे
जैसा कि प्रत्येक व्यापार में शुरू में ज्यादा लाभ नहीं होता है दोनों को कुछ खास लाभ नहीं हो रहा था। करीब 6 महीने गुजर गए बहुत ज्यादा मुनाफा नहीं होने के कारण दोनों निराशा होने लगा। आसपास के कई व्यक्ति बोलने लगे कि कपड़े का व्यापार ठीक से नहीं चलेगा, अगर तुम लोग दूसरा व्यापार करते तो शायद ज्यादा तरक्की मिल पाती। परंतु,
अब असली कहानी यहां से शुरू होती है।
डेविड, उसने जिस भरोसे के साथ व्यापार शुरू किया था, वह अपने भरोसे पर खरा नहीं उतर पाए। उन्हें लगा कि लोग सच ही कहते हैं अगर हम दूसरा बिजनेस करते तो शायद हमको बेहतर मुनाफा हो पाता, इस कारण उसने अपने दुकान में मेहनत करना छोड़ दिया।
वह परेशान रहने लगा और अपने दुकान पर ही बैठ कर ग्राहक के आने का इंतजार करता। चूंकि आसपास के लोगों को उसके दुकान के बारे में जानकारी नहीं थी तो लोग उसके दुकान में नहीं आते थे। इस कारण धीरे-धीरे 5 साल बीत गया और उसका दुकान पूरी तरह से बंद हो गया। अब उसे अपना घर चलाने के लिए भी दूसरे के घर जाकर काम करना पड़ता।
जिंदगी में हमेशा अपने ऊपर भरोसा बनाए रखना चाहिए
दूसरी ओर जॉन ने अपने व्यापार को नकारात्मक तरीके से ना देखते हुए और साथ ही दूसरे के बातों को नजरअंदाज करते हुए अपने ऊपर भरोसा रखकर अपने व्यापार में मेहनत करना शुरू किया। उन्होंने धीरे-धीरे मार्केट बनाना शुरू कर दिया। चूंकि शुरू में आसपास के लोग उसके बारे में नहीं जानते थे इसीलिए वे कपड़े लेकर अगल-बगल के बस्तियों में जाकर कपड़े बेचने लगे। जहां कहीं भी कोई शुभ अवसर होता वहां जाकर वह कपड़े बेचता। मेला, हटिया, पूजा के अवसर में जाकर भी कपड़े बेचने लगे। इस प्रकार उसकी तरक्की होने लगी। धीरे-धीरे उसका व्यापार बढ़ने लगा लोग उससे कपड़े लेने के लिए दुकान तक आने लगे।
जॉन ने 5 साल में काफी तरक्की कर ली। उसने आसपास की बस्ती में जहां भी जाकर कपड़ा बेचा वहां पर उसके काफी पहचान बन गए। जब उसका व्यापार काफी बढ़ गया तो उसने अपने दुकान में कई कर्मचारी लगा दिए और इस प्रकार का एक बड़ा व्यापारी बन गया। धीरे-धीरे उसके पास अपनी मोटरसाइकिल, कार और घर भी हो गया।
Nai Hindi kahani
5 साल गुजर जाने के बाद एक दिन अचानक अपने दोस्त डेबिट की याद आता है। और वह मिलने के लिए उसके दुकान के पास जा पहुंचा। जब वह दुकान के पास पहुंचा तो देखता है कि उसका दुकान बंद पड़ा है, और वहां पर एक पुरानी सी मकान जो पहले डेविड का हुआ करता था उसी प्रकार से पड़ा हुआ है। उसने आसपास लोगों से डेबिट के बारे में पूछा। तो उसने बताया कि डेबिट किसी दूसरे के घर काम करने गया है और कुछ ही देर में आ जाएगा।
खुद पर किया हुआ भरोसा जीवन को बेहतर बनाता है
कुछ देर बाद वहां पर उसका दोस्त आता है। जॉन ने डेविड को तुरंत पहचान लिया कि यह मेरा दोस्त है। उनका रहन-सहन कपड़ा बिल्कुल मजदूर के जैसा दिख रहा था। लेकिन डेविड जॉन को नहीं पहचान पाता है। क्योंकि जॉन काफी बदल चुका था वह अच्छे ड्रेस में कोट पैंट पहने हुए कार से आया था। तब जॉन ने डेविड को कहा कि मैं तुम्हारा दोस्त जाॅन हुं।दोनों एक दूसरे की स्थिति को देखकर काफी आश्चर्यचकित हुए।
डेविड ने जॉन से पूछा कि, तुमने इतनी तरक्की कैसे कर ली, तब उन्होंने बताया कि मैंने जो पूंजी लगाई थी शुरू में तो हमको कोई फायदा नहीं हुआ। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और धीरे-धीरे गांव घर आसपास के मेलों में घर-घर जाकर कपड़े बेचे और धीरे-धीरे इस प्रकार से मुझे तरक्की मिली। लेकिन तुम्हारे दुकान का क्या हुआ।
तब डेविड ने कहा कि 6 महीने तक लाभ नहीं होने पर मुझे चिंता होने लगी कि मेरी बिजनेस चल पाएगी या नहीं। आसपास के लोगों ने मुझे भड़का दिया कि अगर तू ₹50000 लगाकर दूसरा बिजनेस करता तो शायद तुम्हें ज्यादा तरक्की मिल पाती और मैंने इससे नकारात्मक भाव से सोच कर अपने व्यापार पर मेहनत करना छोड़ दिया।
तब जॉन उसे समझाता है कि जब तुमने अपने भरोसे पर अपना व्यापार शुरू किया तो तुम दूसरों के बात में कैसे आ गए। जिंदगी में कुछ भी करने के लिए खुद पर भरोसा करके मेहनत करना पड़ता है। अगर तुम भरोसा खो देते हो तो तुम्हें कभी भी तरक्की नहीं मिल सकती।
नई सकारात्मक कहानियां
डेविड कहता है, मुझे उन लोगों की बातों पर ध्यान ना देते हुए खुद पर भरोसा करना चाहिए था। अगर मैं खुद पर भरोसा रखा होता और मेहनत करता तो शायद मुझे तरक्की मिल सकती थी जो तू ने कर दिखाया।
यहां पर जब डेविड ने अपने काम के ऊपर से भरोसा हटा दिया और दूसरे के बातों में आ गया तो, उसे सच में लगने लगा की अब मेरी दुकान नहीं चलेगी। यही नकारात्मक विचार के कारण उसने दुकान पर मेहनत करना बंद कर दिया और धीरे-धीरे उसकी तरक्की खत्म हो गई। दूसरी तरफ जॉन ने बिना दूसरे के ऊपर ध्यान दिए अपना भरोसा बनाए रखा और मेहनत की और परिणाम सकारात्मक निकल कर आए।
इस कहानी से सीख:- जीवन में अपने ऊपर किए हुए भरोसे को कभी नहीं तोड़ना चाहिए। दुनिया में हजारों तरह के नकारात्मक विचार घूमते रहते हैं। कई बार लोग हमें नकारात्मक विचार देते हैं जिससे कि हमारी हिम्मत टूट जाती है और हम मेहनत करना छोड़ देते हैं। इसीलिए अपने जीवन में सफल होने के लिए हमको अपने ऊपर भरोसा रखना चाहिए, ना कि दूसरे के बातों में आकर अपने भरोसे को तोड़ना चाहिए।
नोट:- भरोसा बनाने में सारी उम्र लग जाती है लेकिन भरोसा टूटने के लिए एक पल ही काफी होता है।
साथ ही इस कहानी से हमें यह सीख भी मिलती है कि अगर हमने किसी के ऊपर भरोसा किया है तो उस भरोसे को नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि उस भरोसे को तोड़ने के बाद आप उसके ऊपर अपना भरोसा खो देते हैं। और फिर आप उसे नकारात्मक नजरिए से देखने लग जाते हैं और नकारात्मक नजरिए का परिणाम हमेशा नकारात्मक ही होता है।
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