S-4 स्वयं की समझ,Towards self understanding, Assignment for d.el.ed in Hindi
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S-4 Unit-3 अपने कार्यों तथा जीवन उद्देश्यों की समझ (स्वयं की समझ) Towards self understanding |
Unit-3 अपने कार्यों तथा जीवन उद्देश्यों की समझ, असाइनमेंट प्रश्न
Q.1 एक शिक्षक को अपने कार्यों तथा जीवन के उद्देश्यों को समझना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:- एक बेहतर राष्ट्र के निर्माण में एक शिक्षक की भूमिका अन्य सभी की तुलना में सर्वाधिक होता है। शिक्षक का महत्वपूर्ण कार्य शिक्षण का होता है शिक्षण के साथ ही व्यवहारिक आध्यात्मिक ज्ञान भी प्रदान करते हैं। शिक्षक एक छात्र के संज्ञानात्मक, संवेगात्मक, समाजिक, रचनात्मक, कलात्मक इत्यादि सभी गुणों को निखारते हैं। इसीलिए एक शिक्षक का क्या कार्य तथा जीवन का क्या उद्देश्य है उसे समझने की आवश्यकता है शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण कार्य शिक्षण का होता है शिक्षक को इमानदारी मेहनत और लगन के साथ इस कार्य को पूरा करना चाहिए।
किसी भी शिक्षक के लिए आवश्यक है कि कक्षा में में जाने से पूर्व विषय वस्तु की तैयारी, प्रयुक्त सामग्री को व्यवस्थित करें। इसके लिए विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकते हैंह जैसे- संपूर्ण व्यवस्था का विश्लेषण, कार्य विश्लेषण, प्रविष्ट व्यवहार का अभिज्ञान, उद्देश्यों को सूत्र बद्ध करना, छात्रों की जरूरत की पहचान करना, परीक्षण सामग्री का निर्माण करना इत्यादि
एक शिक्षक किसी विद्यालय का एक अभिन्न अंग होता है। विद्यालय में समस्त क्रियाओं की व्यवस्था और उनका कुशल संचालन केबल प्रधानाध्यापक का ही कर्तव्य नहीं बल्कि एक शिक्षक का भी है। शिक्षक को प्रत्येक कार्य का समय सारणी बनाना, पाठ्य सहगामी क्रियाओं का आयोजन करना संचालन करना इत्यादि में सहभागिता होने चाहिए।
इस प्रकार विद्यालय में विभिन्न प्रकार की व्यवस्था बनाए रखने का एक शिक्षक महत्वपूर्ण कर्तव्य है। एक शिक्षक का जीवन बहुत ही चुनौती भरा होता है शिक्षकों का आचरण बेहतर व्यक्तित्व वाला होता है। एक शिक्षक को गुरु की तरह माना जाता है तो एक शिक्षक का कर्तव्य बनता है कि वह अपने कार्यों और कर्तव्यों का अच्छी तरह निर्वहन करें। ताकि उनकी छवि बेहतर हो। आज-कल शिक्षकों की प्रतिष्ठा एकदम से गिर गई है इसका मुख्य रीजन है छात्र शिक्षक अपने कार्य उद्देश्य को नासमझ कर सिर्फ अपने ड्यूटी पूरा करते हैं। उद्देश्य को बिना समझे हुए कार्य करते हैं।
Q.2 शिक्षक को स्वयं के बारे में अपने सहकर्मियों विद्यार्थियों समुदाय आदि की भावनाओं को समझना क्यों आवश्यक है उन्हें जानने के क्या तरीके हैं?
उत्तर:- शिक्षक का समुदाय सहकर्मियों और विद्यार्थियों के बीच बहुत ही महत्व होता है और एक शिक्षक को अपने प्रति क्या धारणा है इसे जरूर समझना चाहिए । आपके बारे में आपके सहकर्मी विद्यार्थी समुदाय आदि क्या सोचते हैं यह जानना बहुत ही जरूरी है।
जब तक आपकी अस्मिता अच्छी नहीं होगी आप एक श्रेष्ठ शिक्षक नहीं कहलाएंगे। इसीलिए यह जानना जरूरी है कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं। अगर आप अपने बारे में जान लेते हैं तो आपके जीवन का उद्देश्य सार्थक होता है। एक शिक्षक होने के नाते आप अपने आप को कितना जानते हैं आपके साथ रहने वाले सहकर्मियों की आपके बारे में क्या राय है।
विद्यालय में आपकी क्या छवि है, आपको समुदाय कितने पसंद करते हैं, आपके प्रति कैसा नजरिया है, एक शिक्षक को यह जानना बहुत ही आवश्यक है। शिक्षक होने के नाते सच्चाई ईमानदारी इत्यादि गुण होने ही चाहिये। बच्चों को जो शिक्षा दी जा रही है उसमें ईमानदारी निष्ठा और रुचि दिखनी चाहिए।
अनुशासन पर आकर बच्चों के बीच प्रेम पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। शिक्षक समाज का दर्पण होता है और उन्हें मार्गदर्शन देता है अर्थात शिक्षक शिक्षा का ज्ञाता है। उन्हें सही और सच्चाई और ईमानदारी का बोध कराता है। इस प्रकार से शिक्षा प्रदान करने से समाज में अच्छा संदेश जाता है शिक्षक की छवि समाज में सर्वोपरि होती है।
Q.3 कार्यशाला में प्रेरणादायक कहानियां फिल्मों आदि पर चर्चा करने का क्या महत्व है? इससे शिक्षकों की अस्मिता एवं उनके कार्यों पर क्या असर पड़ता है? कार्यशाला में किस तरह की कहानियां और फिल्मों को शामिल करना चाहिए ?
उत्तर:- साहित्यिक दृष्टि से कहानी सबसे पुराने और असरदार भी दी है जन जीवन में यह सबसे अधिक लोकप्रिय भी है प्राचीन काल में इससे कथा आख्यायिका गल्फ किस्सा इत्यादि के नाम से जाना जाता था। प्राचीन काल में कहानी ही अधिक प्रचलित थी। साहित्य में यह अब अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान बना चुकी है। पूर्व में कहानी का उद्देश्य उपदेश देना और मनोरंजन कराना माना जाता था।
हालांकि आज की कहानी के साथ में काफी बदलाव आया है। आज इसका लक्ष्य मानव जीवन की विभिन्न समस्याओं और संवेदनाओं को व्यक्त करना है। यही कारण है कि प्राचीन कथा से आधुनिक हिंदी कहानी बिल्कुल भिन्न हो गई है। उनकी भावना शैली में बदलाव आ गया है
इसी तरह फिल्म निरंजन का एक ऐसा साधन है जिसमें कोई भी कहानी घटित होती और चलती फिरती छवियों के कारण जिस में निरंतरता का अभास होता है। कार्यशाला में प्रेरणादायक कहानियां फिल्म आदि को दिखाया जा सकता है ऐसे फिल्म या कहानी दिखाई जा सकती है जिसमें ज्ञान शामिल हो व्यवहारिकता सामाजिकता इत्यादि शामिल हो। छात्रों में व्यक्तित्व की भावना का विकास हो राष्ट्रीयता की भावना का विकास हो।
कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को संज्ञानात्मक और सृजनात्मक विकास, उनकी सोचने की क्षमता का विकास इत्यादि । कहानी आज के समय को ध्यान में रखकर होने चाहिए । कहानी इस प्रकार होनी चाहिए जो दूसरों के हृदय में बैठकर उनकी वेदना स्वयं महसूस कर सकें। फिल्म में कहानी एक एक बेहतर अस्पष्ट शुरुआत होनी चाहिए बीच का भाग विचारात्मक और सुनियोजित अंत होना चाहिए। अलग अलग सामाजिक मुद्दों पर फिल्म होनी चाहिए जागरूकता प्रोत्साहित करने के उद्देश्य पर आधारित फिल्मों को कार्यशाला में शामिल किया जाना चाहिए।
S-4,Unit-2 अपने अस्मिता के प्रति सजगता
यहां पर दिए गए प्रश्न और उत्तर किस प्रकार की टीचर की तैयारी और डीएलएड के असाइनमेंट के लिए महत्वपूर्ण है इन उत्तर के माध्यम से आप बेहतर उत्तर लिखने का प्रयास करें।
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