विद्यालय में स्वास्थ्य योग और शारीरिक शिक्षा, Health Yoga and physical education in schools Assignment for d.el.ed
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S-5, Assignment, विद्यालय में योग और शिक्षा |
Vidyalay me swasthya yog aur siksha assignment , Health Yoga and physical education in schools
Q.1 शारीरिक शिक्षा की अवधारणा तथा इसके महत्व का वर्णन करें
उत्तर:- शारीरिक शिक्षा शरीर संबंधित शिक्षा संबंधी एक विषय है। शारीरिक शिक्षा से तात्पर्य ऐसी शिक्षा से है जो शारीरिक विकास और कुशल कार्य कुशलता को प्रदान करता है। वर्तमान में शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत व्यायाम खेलकूद मनोरंजन आदि विषय आते हैं। इसमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य सामाजिक स्वास्थ्य का भी स्थान है।
शारीरिक शिक्षा से मानसिक शक्ति का विकास होता है सौंदर्य में वृद्धि होती है तथा रोगों का निवारण होता है। वर्तमान समय में पूरी दुनिया में शारीरिक शिक्षा को बहुत महत्व दिया जा रहा है। स्कूलों में भी शारीरिक शिक्षा पर बल दिया जाता है। नेपाल सरकार ने हाल ही में अपने विद्यालयों में योग शिक्षा को अनिवार्य कर दिया है शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत बहुत से क्रियाकलाप आते हैं। खेल इसमें से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शारीरिक शिक्षा के प्रमुख लाभ या महत्व इस प्रकार से है:-
(क) शारीरिक लाभ- शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत शरीर से संबंधित अच्छी आदतों व्यायाम खेलकूद इत्यादि की जानकारी दी जाती है। जिसके अंतर्गत हमें विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप खेल व्यायाम करने होते हैं। इससे शरीर में मजबूत होती है सौंदर्य आता है। साथ ही शरीर सुडौल वह आकर्षक भी बनता है ।
(क) शारीरिक लाभ- शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत शरीर से संबंधित अच्छी आदतों व्यायाम खेलकूद इत्यादि की जानकारी दी जाती है। जिसके अंतर्गत हमें विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप खेल व्यायाम करने होते हैं। इससे शरीर में मजबूत होती है सौंदर्य आता है। साथ ही शरीर सुडौल वह आकर्षक भी बनता है ।
(ख) मानसिक लाभ- कहा जाता है स्वस्थ शरीर में ही स्वास्थ्य माना का वास होता है अगर हम लोग का शरीर स्वस्थ रहेगा तो मन भी स्वस्थ रहेगा और कोई भी काम को बेहतर तरीके से कर सकेंगे ।
(ग) अनुशासन भावना का विकास- शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत ट्रेनिंग दिया जाता है कप्तान के आदेशों का पालन करना पड़ता है बहुत प्रकार के इनडोर और आउटडोर गेम ऑफ में खेलों में अनुशासन का ख्याल रखना पड़ता है
(घ) गुणों का निर्माण- शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत अच्छे व्यवहार भी सिखाए जाते हैं । छात्रों का चरित्र निर्माण भी होता है । उनमें नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है। और एक अच्छा नागरिक बनने में मदद करता है ।
इस प्रकार सहायक शिक्षा हर किसी के लिए बहुत ही महत्व रखता है।
Q.2 मानसिक स्वास्थ्य सहायक स्वास्थ्य तथा संज्ञान के बीच अंतर्संबंध की समझ विकसित करें ।
अथवा
भावनात्मक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य तथा संज्ञान के बीच क्या अंतर्संबंध है? स्पष्ट करें
उत्तर:- मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य तथा संज्ञान के बीच अन्योन्याश्रित संबंध है। जब हम मानसिक स्वास्थ्य की बात करते हैं तो यह सारिक स्वास्थ्य पर आधारित है और सारिक स्वास्थ्य हमारे संज्ञान पर आधारित है। संज्ञान का अर्थ जानने की है। ऐसी मानसिक क्रिया है जो हमें निर्णय भाषा के उपयोग तथा अन्य किसी पर क्रियाओं से संबंध रखता है संज्ञान हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
हमें अपना जिंदगी में क्या करना चाहिए क्या फैसला लेना है यह हमारे संज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य के ऊपर निर्भर है, लेकिन इससे पहले हमारा शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होना चाहिए क्योंकि जब तक मेरा सारिक स्वास्थ्य बेहतर नहीं होगा मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होगी और एक हम अच्छा फैसला नहीं ले सकते हैं, अर्थात हम अपने संज्ञान का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य हमारे समग्र स्वास्थ्य और भलाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है हम में से ज्यादातर लोग शारीरिक रूप से स्वास्थ्य रहने के लिए किसी न किसी गतिविधि में हिस्सा लेते हैं। जैसे - जिम जाना पैदल चलना तैराकी मैदान इत्यादि इसी तरह हम सब मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य रखने के लिए विभिन्न क्रियाकलापों को शामिल कर सकते हैं। जिससे हमारी संज्ञानात्मक क्षमता का विकास हो।
मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहना हमें चुनौतियां तनाव और असफलताओं का सामना करने में मदद करता है। यह हमें दैनिक जीवन में अधिक कार्य करने के लिए तैयार करता है। एक व्यक्ति जो मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ है वह खुद से और अन्य लोगों के साथ संपर्क में रहने में सक्षम होते हैं। कोई मानसिक रूप से स्वस्थ है यह सुनिश्चित करने में शारीरिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शारीरिक व्यायाम मानसिक विकास से संबंधित है। जैसे व्यायाम करने से उर्जा बढ़ता है तनाव और मानसिक थकान कम होता है। इससे हमारे संज्ञानात्मक क्षमता भी बढ़ती है तथा भावनात्मक रूप से हम अपने आप को नियंत्रण में रख सकते हैं इस प्रकार हम देखते हैं कि भावनात्मक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य तथा संज्ञान एक दूसरे से अंतर संबंधित हैं।
उत्तर:- छात्रों का लगातार प्रेक्षण और मार्गदर्शन से उनके सीखने की प्रक्रिया में सुधार होती है। उन्हें शारीरिक क्रियाओं में संपूर्ण भागीदारी के अवसर उपलब्ध होते हैं। जिससे उचित रूप से उनके मानसिक विकास शारीरिक विकास होता है। छात्रों को प्रेक्षण तथा मार्गदर्शन द्वारा अपनी रूचि योग्यता और क्षमता के अनुसार विषयों का चुनाव करने के अवसर प्राप्त होते हैं और अपने कठिनाइयों को दूर करने के लिए अपने विकास के लिए परिश्रम करते हैं।
Q 3 शारीरिक शिक्षा की गतिविधियों के दौरान बच्चों का परीक्षण एवं मार्गदर्शन शिक्षक किस प्रकार करेंगे? उल्लेख करें।
उत्तर:- छात्रों का लगातार प्रेक्षण और मार्गदर्शन से उनके सीखने की प्रक्रिया में सुधार होती है। उन्हें शारीरिक क्रियाओं में संपूर्ण भागीदारी के अवसर उपलब्ध होते हैं। जिससे उचित रूप से उनके मानसिक विकास शारीरिक विकास होता है। छात्रों को प्रेक्षण तथा मार्गदर्शन द्वारा अपनी रूचि योग्यता और क्षमता के अनुसार विषयों का चुनाव करने के अवसर प्राप्त होते हैं और अपने कठिनाइयों को दूर करने के लिए अपने विकास के लिए परिश्रम करते हैं।
शिक्षकों द्वारा शारीरिक क्रियाओं के गतिविधियों के दौरान किए गए परीक्षण और उनका मार्गदर्शन छात्रों के समुचित विकास के लिए महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। परीक्षा द्वारा शिक्षक के सभी प्रकार की क्षमता वाले बच्चों को शामिल करना अनिवार्य है।
परीक्षण द्वारा शिक्षक के सभी प्रकार के क्षमता वाले बच्चों के समावेशन से उनका अवलोकन करते हैं तथा मार्गदर्शन द्वारा छात्रों के होने वाले कठिनाई को दूर करते हैं। उन्हें शारीरिक क्रियाओं के गतिविधियों के उचित लाभ मिलते हैं।
शिक्षक निम्न प्रकार से गतिविधियों के दौरान छात्रों का प्रेक्षण एवं मार्गदर्शन कर सकते हैं।
मांसपेशियों की ताकत का परीक्षण -कोई भी छात्र अपने क्रिया के दौरान कितने मांसपेशियों की ताकत लगा सकता है बिना थकान के कितने देर मांसपेशियों का उपयोग कर सकता है इसका परीक्षण करता है।
संतुलन- कोई भी छात्र अपने साड़ी क्रिया के दौरान किस प्रकार संतुलित करते हैं इसका परीक्षण और मार्गदर्शन शिक्षक को देना चाहिए जिससे उनके सहायक विकास में बेहतर परिणाम आए
संतुलन- कोई भी छात्र अपने साड़ी क्रिया के दौरान किस प्रकार संतुलित करते हैं इसका परीक्षण और मार्गदर्शन शिक्षक को देना चाहिए जिससे उनके सहायक विकास में बेहतर परिणाम आए
समन्वय - शारीरिक क्रियाकलाप करते समय अपने शरीर के अंगों के साथ अपने ज्ञानेंद्रियों का उपयोग किस प्रकार करना चाहिए इसे समन्वय कहते हैं। और इसमें एक शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है वह इस दौरान परीक्षण करके मार्गदर्शन दे सकते हैं।
शक्ति- वह किसी क्रियाकलाप को कितनी शक्ति से करते हैं। इसमें भी प्रेक्षण और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ।
शक्ति- वह किसी क्रियाकलाप को कितनी शक्ति से करते हैं। इसमें भी प्रेक्षण और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ।
गति - कोई भी गतिविधि के दौरान छात्र किस गति से अपने शरीर का उपयोग करते हैं अगर उन्हें कोई कठिनाई है तो उन्हें इसमें मार्गदर्शन देना चाहिए ।
चंचलता- कोई भी काम कितनी जल्दी से कर सकता है उसके शरीर में फुर्ती है या नहीं इसमें मार्गदर्शन की बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।
चंचलता- कोई भी काम कितनी जल्दी से कर सकता है उसके शरीर में फुर्ती है या नहीं इसमें मार्गदर्शन की बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।
उपर्युक्त क्रियाकलाप के दौरान एक शिक्षक छात्रों का परीक्षण कर सकता है और उन्हें एक बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। सामान्यतः वह खेल जो आउटडोर होते हैं, जैसे- क्रिकेट फुटबॉल टेनिस जिमनास्टिक इत्यादि इन सब खेलों के दौरान शिक्षक को छात्रों का परीक्षण करके उन्हें उचित मार्गदर्शन देना चाहिए। खेल के दौरान छात्रों को चोट न लगे इसका प्रेक्षण करते रहना भी आवश्यक है। तथा चोट लगने से बचने के उपाय और जो खेल के दौरान किसी भी तरह की समस्या या परेशानी से बचने के लिए मार्गदर्शन करते रहना शिक्षक के लिए आवश्यक है।
S-5 विद्यालय में स्वास्थ्य योग और शारीरिक शिक्षा
उत्तर:- फ्रेंच शब्द डेसपोर्ट "desport" से सपोर्ट "sport" शब्द की उत्पत्ति हुई है स्पोर्ट का अर्थ अवकाश होता है। पहले खेल को अवकाश के तौर पर देखा जाता था। हालांकि इसकी परिभाषा बदलते गए। खेल कई नियमों एवं रिवाज द्वारा संचालित होने वाली एक प्रतियोगी गतिविधि है।
S-5 विद्यालय में स्वास्थ्य योग और शारीरिक शिक्षा
Unit-2 खेल की अवधारणा, खेलों के बुनियादी आधार, खेले जाने वाले स्थानीय रोचक के खेल, प्राथमिक उपचार, फर्स्ट एड सामग्री ,विभिन्न प्रकार के इंडोर और आउटडोर खेल, राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेल
Q.1 विद्यालय स्तर पर खेल एवं खेलकूद की अवधारणा स्पष्ट करें और इसके महत्व की चर्चा करें
उत्तर:- फ्रेंच शब्द डेसपोर्ट "desport" से सपोर्ट "sport" शब्द की उत्पत्ति हुई है स्पोर्ट का अर्थ अवकाश होता है। पहले खेल को अवकाश के तौर पर देखा जाता था। हालांकि इसकी परिभाषा बदलते गए। खेल कई नियमों एवं रिवाज द्वारा संचालित होने वाली एक प्रतियोगी गतिविधि है।
खेल व खेलकूद के समान अर्थ में उन गतिविधियों को कहा जाता है जहां प्रतियोगी की साड़ी क्षमता खेल के परिणाम जीत या हार का एकमात्र अथवा प्राथमिक निर्धारक होती है। लेकिन यह दिमागी खेल और मशीनी खेल जैसी गतिविधियों के लिए भी प्रयोग की जाती है। जिसमें मानसिक क्षमता एवं उपकरण संबंधी बड़े तत्व होते हैं। सामान्यतः एक संगठित प्रतिस्पर्धात्मक और प्रशिक्षित गतिविधि के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें प्रतिबद्धता तथा निष्पक्षता होती है।
प्रारंभिक विद्यालय स्तर पर देखा जाए तो फिर बच्चे की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। भिन्न-भिन्न आयु वर्ग के बच्चे विभिन्न प्रकार के खेल खेलते हैं। यह विभिन्न प्रकार के खेल बच्चों के संपूर्ण विकास विकास में सहायक होते हैं। खेल से बच्चों का शारीरिक विकास संज्ञानात्मक विकास संवेगात्मक विकास सामाजिक विकास तथा नैतिक विकास होता है।
खेल मुख्यतः अनुदेशन आत्मक संरचनात्मक काल्पनिक और नियमबद्ध होते हैं। खेल में सांस्कृतिक विभिन्नता ने भी देखी जाती है अक्सर केवल मनोरंजन या इसके पीछे आम तथ्य को उजागर करता है कि लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करने की आवश्यकता है
महत्व -खेल से मनुष्य के मनोवैज्ञानिक जरूरतें पूरा होती है तथा वह मनुष्य को सामाजिक कौशलों के विकास का भी अवसर प्रदान करता है।
खेल ऐसी प्रक्रिया है जो बच्चों को अभ्यास के पर्याप्त अवसर प्रदान करती है बच्चे जब गांव की एक पंक्ति पर चलने की कोशिश करते हैं दीवार फांदते हैं शरीर पर चढ़ते हैं दौड़ते हैं साइकिल की सवारी करते हैं तो उन्हें बहुत प्रकार की मांसपेशियों का समन्वय करना पड़ता है ।
खेल खेल में जमीन के गड्ढे खोदने फूल के हार बनाने विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप करते हैं इससे उनकी लघु मांसपेशियों का विकास होता है ।
खेल ऐसी प्रक्रिया है जो बच्चों को अभ्यास के पर्याप्त अवसर प्रदान करती है बच्चे जब गांव की एक पंक्ति पर चलने की कोशिश करते हैं दीवार फांदते हैं शरीर पर चढ़ते हैं दौड़ते हैं साइकिल की सवारी करते हैं तो उन्हें बहुत प्रकार की मांसपेशियों का समन्वय करना पड़ता है ।
खेल खेल में जमीन के गड्ढे खोदने फूल के हार बनाने विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप करते हैं इससे उनकी लघु मांसपेशियों का विकास होता है ।
खेलते समय बच्चे अक्सर उसको की नकल करते हैं इस प्रकार से उन्हें सामाजिक व्यवहार और मान्यताओं को सीखने का मौका मिलता है।
खेल बच्चों के विकास में मदद करके उन्हें भविष्य की भूमिकाओं के लिए तैयार करता है खेल-खेल में की गई संकल्पना पढ़ने लिखने के कौशल और समूह खेल में भाग लेने से भी उनके क्षमता का विकास होता है
खेल में कई प्रकार के अनुशासन शामिल होते हैं जिससे बच्चों का अनुशासनात्मक विकास होता है
बच्चों को इच्छा अनुसार खेलने के अवसर देने से हम उनके सीखने में मदद करते हैं खेल बच्चों को खोज करने और उसके द्वारा स्वयं सीखने का अवसर प्राप्त होता है
Disclaimer -यह सभी प्रश्न महत्वपूर्ण है। असाइनमेंट बनाने के लिए यह प्रश्न आपको बहुत ही मदद करेगा questions और answer के माध्यम से आप बेहतर असाइनमेंट बनाएं।
खेल बच्चों के विकास में मदद करके उन्हें भविष्य की भूमिकाओं के लिए तैयार करता है खेल-खेल में की गई संकल्पना पढ़ने लिखने के कौशल और समूह खेल में भाग लेने से भी उनके क्षमता का विकास होता है
खेल में कई प्रकार के अनुशासन शामिल होते हैं जिससे बच्चों का अनुशासनात्मक विकास होता है
बच्चों को इच्छा अनुसार खेलने के अवसर देने से हम उनके सीखने में मदद करते हैं खेल बच्चों को खोज करने और उसके द्वारा स्वयं सीखने का अवसर प्राप्त होता है
Disclaimer -यह सभी प्रश्न महत्वपूर्ण है। असाइनमेंट बनाने के लिए यह प्रश्न आपको बहुत ही मदद करेगा questions और answer के माध्यम से आप बेहतर असाइनमेंट बनाएं।
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विद्यालय में स्वास्थ्य योग और शारीरिक शिक्षा
Bidyalay me swasthya yog aur siksha
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