Alert News !Nairobi fly! बिहार में नैरोबी मक्खी का आक्रमण, हो जाएं सावधान।
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बिहार में नैरोबी मक्खी का कहर, बच कर रहें। |
बिहार में नैरोबी मक्खी का खौफ! बिहार के सीमांचल में नैरोबी मक्खी का आक्रमण हो चुका है। नैरोबी मक्खियों के हमलों को लेकर पूर्णिया में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। नैरोबी मक्खी शरीर के किसी भी अंग पर बैठने से खुजलाहट एवं जलन कर घाव उत्पन्न करने तथा आंख पर बैठने से आंख की रौशनी चली जाती है। यह एक गंभीर समस्या है इससे बचकर रहने की संभावना है।पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में नैरोबी मक्खी के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं मक्खी के पश्चिम बंगाल के रास्ते प्रवेश करने की संभावना को देखते हुए बिहार का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है।
What is Nairobi fly? नैरोबी मक्खी क्या है
नैरोबी मक्खी (Nairobi fly):यह मक्खी अफ्रीका में पाई जाती है और अफ्रीका से बंगाल होते हुए बिहार के सीमांचल में नैरोबी मक्खी का आक्रमण हो चुका है। पूर्णिया के कई क्षेत्रों में भी इसका आक्रमण देखने को मिल रहा है। नैरोबी मक्खी शरीर के किसी भी अंग पर बैठने से खुजलाहट एवं जलन कर घाव उत्पन्न करने तथा आंख पर बैठने से आंख की रौशनी चली जाती है। ऐसे में नैरोबी मक्खी से फैलने वाली संक्रमण की रोकथाम के लिए अपने अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरुक करते हुए विशेष सतर्कता एवं आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। सिक्किम और बंगाल के सिलीगुड़ी में मक्खी कई लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है। नैरोबी मक्खी एसिड फ्लाई से संक्रमित है। इसके फैलने की रफ्तार बहुत तेज है।
नैरोबी मक्खी के बारे में डॉक्टर की राय
स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम ब्रजेश कुमार के मुताबिक किशनगंज में एक केस मिलने के बाद पूर्णिया में भी अलर्ट है। नैरोबी मक्खी के बंगाल के रास्ते प्रवेश करने की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है। डा. एसके वर्मा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने इस संदर्भ में संबंधित विभागों को पूरी तरह से सावधान रहते हुए अलर्ट की दिशा में आवश्यक कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में प्रभारी उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा, बनमनखी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं रेफरल अस्पताल पूर्णिया जिला के सभी कार्यक्रम पदाधिकारी यक्ष्मा, मलेरिया, फाइलेरिया प्रशिक्षण एवं कुष्ठ को निर्देश दिया है कि नैरोबी मक्खी बंगाल के रास्ते से प्रवेश करने की संभावना है।उन्होंने इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा उपमंडल और रेफरल अस्पतालों में तैनात सभी चिकित्सा अधिकारियों को मक्खी की आवाजाही पर नजर रखने के लिए कहा है। साथ ही इसे लेकर संबंधित क्षेत्रों में इसका सामना कैसे करें इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने के लिए कहा है।
नैरोबी मक्खी के लक्षण
नैरोबी मक्खी शरीर के किसी भाग में बैठने पर घाव या जख्म पैदा करती है। आंख पर बैठने से आंख की रौशनी चले जाने की संभावना रहती है। घाव और जख्म वाले स्थान पर जलन होती है। यह लाल होता है। इसीलिए अपने आस-पास अगर कहीं लाल मक्खी दिखे तो सावधान हो जाएं।
नैरोबी मक्खी से बचने के उपाय
मक्खी के शरीर पर बैठने पर इसको हाथ से ना हटाकर किसी अन्य सामान से धीरे-धीरे हटा दें। उसको जोर से नहीं रगड़े नहीं तो यह खतरनाक हो सकता हैं। बेहतर होगा यदि अनानास, मीठी सामग्री जिसके आसपास मक्खियां मंडराती हो वहां नहीं जाएं। अपने घर के वातावरण को साफ रखे जिससे मक्खियों का जमा न हो।
नैरोबी मक्खी से बचने के उपचार
डॉक्टर के मुताबिक इस मक्खी को शरीर से तुरंत हटा दें। डॉक्टर के अनुसार कुछ दवाइयां जैसे सेट्रीजीन, फेक्सोफेनेडियन या डेक्सोना इंजेक्शन लें। जख्म वाले जगह पर एंटीबोयिटम क्रीम लगाएं। ओरल सिस्टमिक एंटीबायोटिक का सेवन करें। कटे हुए स्थान पर गर्म पानी से सेंक भी लगा सकते हैं।
नैरोबी मक्खी के बारे में सामान्य जानकारी, Nairobi fly news in Hindi
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नैरोबी मक्खी मुख्य रूप से पूर्वी अफ्रीका के हिस्सों में पाई जाती रही है। यह मानव शरीर पर पेडेरिन नामक एक विषैला और अम्लीय पदार्थ छोड़ती है। जिससे त्वचा में गंभीर संक्रमण हो जाता हैं। देश के कई हिस्सों में इन दिनों नैरोबी मक्खी कहर बरपा रही है। इस मक्खी से उत्तर बंगाल और सिक्किम में सैकड़ों लोग संक्रमित हैं। सीमांचल के किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी इस मक्खी के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं।
5 जुलाई को पूर्वी सिक्किम के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के लगभग 100 छात्रों को नैरोबी की मक्खियों के संपर्क में आने से गंभीर त्वचा संक्रमण का सामना करना पड़ा। कुछ छात्रों में संक्रमण इतना फैल गया कि सर्जरी करनी पड़ी। डॉ वर्मा ने कहा, "चींटी की तरह दिखने वाली यह मक्खी काफी खतरनाक है। पूर्वी अफ्रीका के हिस्सों में पाई जाने वही नैरोबी मक्खी तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। वहीं प्रजनन के अनुकूल माहौल और पर्याप्त खाद्य आपूर्ति की तलाश में नए क्षेत्रों में जा रही है। ये मक्खियां फसलों को नष्ट कर देती हैं। यहां तक कि यह कीटों को खा जाती हैं।"
पूर्णिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर डॉ बिभाष कुमार झा ने कहा, “ये नैरोबी मक्खी काटती नहीं हैं, लेकिन अगर यह शरीर पर जब बैठती है और इसे जब छु लिया जाता है या फिर इसे मसलने का प्रयास किया जाता है तो यह लिक्विड फॉर्म में टॉक्सिक पदार्थ रिलीज करती है जिसे पेडरिन कहा जाता है। जिससे लोगों को त्वचा में जलन होती है और जगह-जगह पर इंफेक्शन हो जाता है।" डॉ विभास कुमार झा ने सावधानियों को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि अगर मक्खी शरीर के किसी भी हिस्से पर बैठती है तो इसे तुरंत धीरे से फूंक मारकर उड़ा देना चाहिए या फिर ब्रश करके इस एसिड फ्लाई को हटा देना चाहिए। उसके बाद त्वचा को साबुन पानी से अच्छे से साफ कर लेना चाहिए। और ऐसा प्रतीत हो कि मक्खी के द्वारा डंक मार दिया गया है तो कुछ दवाई के बारे में जो पर जानकारी दी गई है जरूर ले लें या चिकित्सक से परामर्श लें।
Disclaimer-यहां दी गई सामान्य जानकारी विभिन्न न्यूज़ चैनल, वेबसाइट सोशल मीडिया इत्यादि से ली गई है।
इस खतरनाक मक्खी के बारे में अपने सभी दोस्तों और परिवारों को अलर्ट करें और मैसेज को नीचे दिए गए सोशल साइट जैसे फेसबुक व्हाट्सएप के द्वारा फॉरवर्ड जरूर कर दें। धन्यवाद
Nice information.thank you
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