![]() |
D.el.Ed 2nd year paper S-3, Work and Education assignment and notes in Hindi |
Bihar D.el.ed Second year paper S-3 assignment and notes, कार्य और शिक्षा ,Unit-1 कार्य और शिक्षा: अवधारणात्मक समझ
नोट:-डीएलएड सेकंड ईयर की तैयारी करने वाले सभी अभ्यार्थी मेरी वेबसाइट शिक्षक की तैयारी पर लगातार बने रहें। यहां हम आपको शिक्षक से संबंधित सभी महत्वपूर्ण नोट्स असाइनमेंट के प्रश्न फ्री में उपलब्ध करा रहे हैं आप मेरी वेबसाइट पर जाकर सभी विषयों की अच्छी तरह से तैयारी कर सकते हैं अगर आपको किसी विशेष विषय की तैयारी के लिए नोट्स चाहिए तो आप हमें फेसबुक इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं जिसका लिंक नीचे दिया गया है।
कार्य और शिक्षा (Work and Study or Cooperative education), शिक्षा की एक ऐसी विधि है जिसमें कक्षा में शिक्षा देने के साथ-साथ विद्यार्थियों को समाजोपयोगी कार्यों की व्यावहारिक और नैतिक शिक्षा प्रदान की जाती है। कार्य शिक्षा को उद्देश्यपूर्ण और सार्थक शारीरिक श्रम माना गया हैं जो शिक्षण के अन्तरंग भाग के रूप में आयोजित किया जाता है।
कार्य शिक्षा की परिभाषा
कार्य और शिक्षा, शिक्षा को उद्देश्यपूर्ण और सार्थक शारीरिक कार्य के रूप में देखा जाता है, जिसे सीखने की प्रक्रिया के अभिन्न अंग के रूप में संगठित किया जाता है और इसके परिणामस्वरूप आत्म खुशी के अलावा समुदाय के लिए उपयोगी सेवाएं उपलब्ध होती हैं।
कार्य शिक्षा(Work Education) के महत्वपूर्ण अवधारणा को इस प्रकार से देखा जा सकता है-
- शरीरा और मस्तिष्क के समन्वय द्वारा
- शैक्षिक गतिविधियों में सामाजिक रूप से उपयोगी शारीरिक श्रम को शामिल करके।
- किसी कार्य में संलग्न रहना सीखने की प्रक्रिया को उद्देश्य पूर्ण बनाता है
- समुदाय के लिए उपयोगी सेवाओं तथा उत्पादक कार्य के रूप में कारी और शिक्षा का महत्व है
- कार्य और शिक्षा "करके सीखना'' सिद्धांत पर आधारित है।
- कौशल का विकास करना
रवीन्द्रनाथ टैगोर के अनुसार- संस्कृतिक पुनः जागृति के लिए शिक्षा से शारीरिक श्रम को अलग नहीं किया जा सकता। प्रत्येक छात्र को अपने समुदाय विशेष के क्षेत्र से बाहर आकर मानव सेवा के कार्यों में सहभागिता करनी चाहिए। कार्य को शिक्षा के माध्यम के रूप में लिया जाना चाहिए, क्योंकि अनुभव मस्तिष्क की खिड़कियां होते है।
कार्य और शिक्षा का महत्व
कार्य और शिक्षा, शैक्षिक गतिविधियों में ज्ञान, समझ, व्यावहारिक कौशलों को शामिल करने पर जोर देती है इस प्रकार समाज को भी लाभ प्राप्त होता है। किसी कार्य में संलग्न रहना सीखने की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण घटक है।शिक्षा हमें विभिन्न प्रकार का ज्ञान और कौशल को प्रदान करती है। यह सीखने की निरंतर, धीमी और सुरक्षित प्रक्रिया है, जो हमें ज्ञान प्राप्त करने में मदद करती है। यह निरन्तर रूप से चलने वाली प्रक्रिया है, जो हमारे जन्म के साथ ही शुरु हो जाती है और हमारे जीवन के साथ ही खत्म होती है।
कार्य शिक्षा के उद्देश्य
कार्य शिक्षा, काम के प्रति अच्छा व्यवहार, काम के अनुकूल आदतों तथा मूल्यों का विकास करती है । यह व्यक्ति को काम से संबंधित आवश्यक ज्ञान प्रदान कर उत्पाद कार्य द्वारा आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करती हैं । इस प्रकार यह विद्यार्थियों को सामाजिक कार्यों से जोड़कर सामाजिक गुणों का विकास करती है। कार्य और शिक्षा के कारण बेहतर उत्पादन क्षमता का विकास होता है। बेहतर कौशल विकास के लिए कार्य और शिक्षा एक महत्वपूर्ण पद्धति है।
कार्य और शिक्षा की अवधारणा से संबंधित असाइनमेंट
वर्तमान समय में शिक्षा के साथ-साथ कार्य के का अनुभव होना बहुत ही जरूरी है। आज के वर्तमान समय में बहुत ऐसे छात्र हैं जो सिर्फ पढ़ाई तो कर लेते हैं परंतु उन्हें किसी विशेष कार्य का कोई ज्ञान प्राप्त नहीं होता है। एक इंसान जीवन में बिना किसी कार्य को किए तरक्की नहीं कर सकता है। आज कोई भी व्यक्ति पढ़ाई के साथ साथ ज्ञान के अनुभव के बिना अपनी जिंदगी को बेहतर नहीं बना सकता। उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति साधारण पढ़ाई करके डिग्री प्राप्त कर लेता है तो उसे बाजार में कोई अच्छा सा काम नहीं मिलता है लेकिन अगर उसके पास कुछ प्रैक्टिकल ज्ञान होता है तो वह अपनी रोजी-रोटी व्यक्ति कैसे कमा सकता है।
यह भी पढ़ें-डीएलएड पेपर s-2, संज्ञान सीखना और बाल विकास
शिक्षक से संबंधित सभी प्रकार के समाचार और अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे फेसबुक ग्रुप से जरूर जुड़े। डीएलएड से संबंधित असाइनमेंट और नोट्स के लिए इस ग्रुप में बने रहें।